जिन लोगों को भी ये लगता था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ज़बरदस्त वक्ता हैं, उन्हें बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई बहस के जवाब में उनके भाषण से ज़रूर निराशा हुई होगी। विरोधियों से ज़्यादा उनके समर्थकों को उम्मीद थी कि वे अपने भाषण में कांग्रेस नेता राहुल गाँधी की ओर से उठे सवालों का सिलसिलेवार ढंग से जवाब देंगे और अपने तर्कों और तथ्यों से सारे देश को संतुष्ट करेंगे। लेकिन अफ़सोस कि उन्होंने तमाम गंभीर सवालों के जवाब में सिर्फ़ अपनी पीठ थपथपाई और दावा किया कि उनकी सरकार की तमाम योजनाओं से लाभ पाने वाले करोड़ों लोग इन आरोपों पर कतई विश्वास नहीं करेंगे।
अग्निपरीक्षा के देश में परीक्षा से कतराते पीएम का दयनीय जवाब
- विचार
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- 9 Feb, 2023
अडानी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के चुभते सवालों का पीएम मोदी ने जिस तरह जवाब दिया है, वो देश ने देखा, सुना और समझा। आखिर प्रधानमंत्री ने ऐसा क्यों किया, बता रहे हैं पंकज श्रीवास्तव...
