उत्तराखंड का ताज़ा राजनीतिक घटनाक्रम बीजेपी के 'पार्टी विद ए डिफ़रेंस’ यानी अन्य पार्टियों से अलग होने के दावे की ही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'डबल इंजन वाली सरकार’ के नारे की बुरी तरह खिल्ली उड़ा रहा है। पार्टी नेतृत्व ने महज 115 दिन पुराने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को हटा कर पुष्कर सिंह धामी को राज्य का नया मुख्यमंत्री बना तो दिया है लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का पार्टी के भीतर जिस तरह विरोध हुआ है, उससे लगता नहीं कि जिस मक़सद से यह नेतृत्व परिवर्तन किया गया वह मक़सद हासिल हो पाएगा।

बीजेपी नेतृत्व ने महज 115 दिन पुराने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को हटा कर पुष्कर सिंह धामी को राज्य का नया मुख्यमंत्री बना तो दिया है लेकिन इससे पार्टी के भीतर जैसा विरोध हुआ है उससे क्या मोदी शाह की हनक फीकी नहीं पड़ी है?
हालाँकि पार्टी नेतृत्व सूबे के अपने सभी नाराज़ विधायकों और नेताओं को मनाने में थोड़ी-बहुत मशक्कत के बाद कामयाब रहा और नए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण भी हो गया, मगर इस पूरे घटनाक्रम से यह तो जाहिर हो ही गया है कि पार्टी नेतृत्व इन दिनों बदहवासी के दौर से गुजर रहा है और उसकी हनक अपने कार्यकर्ताओं के बीच फीकी पड़ रही है। ग़ौरतलब है कि चार महीने पहले भी इसी तरह आनन-फानन में पार्टी नेतृत्व ने चार साल पुराने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटा कर तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया था।