पिछले साल लोकसभा के चुनाव के दौरान मेरे जैसे कई लोगों को ये शक तो नहीं था कि मोदी अगले प्रधानमंत्री नहीं होंगे, ये ज़रूर आकलन था कि बीजेपी अपने बल पर सरकार नहीं बना पायेगी। उसे बहुमत का आँकड़ा छूने में दिक़्क़त होगी। उसे सरकार चलाने के लिए नए साथियों की ज़रूरत होगी और ये सरकार अपने स्वभाव में उतने अहंकार में नहीं होगी जितनी 2014 में बहुमत पाने के बाद हुई थी। पर हुआ ये कि बीजेपी को अकेले ही बहुमत मिला और उसे सरकार चलाने के लिए किसी की ज़रूरत नहीं पड़ी।