क्या पंजाब की राजनीति बदलने वाली है? जिस प्रदेश में अब तक जाट सिखों का बोलबाला था, क्या वो अब टूटने वाला है? क्या पंजाब की राजनीति में उसी तरह का बदलाव देखने को मिलेगा जैसे यूपी में 1990 के दशक में देखने को मिला था? कांशीराम का जो प्रयोग 90 के दशक में नाकाम हो गया था, क्या पंजाब में उसका समय आ गया है? ये सवाल इसलिये उठ रहे हैं या उठने चाहिए क्योंकि पंजाब में पहली बार एक दलित को मुख्यमंत्री बनाया गया है! चरणजीत सिंह चन्नी की नियुक्ति पंजाब की राजनीति में कोई औपचारिक घटना नहीं है। चन्नी ने अगर गंभीर राजनीति की तो फिर एक नये युग का आग़ाज़ हो सकता है।