पटना और मुंबई के बीच सत्रह सौ किलो मीटर की दूरी है, लगभग इतनी ही दूरी शिमला और मुंबई के बीच भी है। दोनों ही राज्यों यानी बिहार और हिमाचल में इस समय एक ही पार्टी के दबदबे वाली हुकूमतें भी हैं। इन दोनों राज्यों का मौसम और मिज़ाज अलग-अलग क़िस्म का है पर राजनीतिक ज़रूरतों ने दोनों की आत्माओं को एक कर दिया है। एक राज्य की सरकार को चुनाव जीतने के लिए अपने सितारा बेटे की मौत का इंसाफ़ चाहिए और दूसरे ने अपनी सितारा बेटी के सम्मान की रक्षा करने की ज़िम्मेदारी उठा ली है।
महामारी, बेरोज़गारी, आर्थिक संकट पर कोई बात नहीं, चैनलों पर सिर्फ़ कंगना की चर्चा!
- विचार
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- श्रवण गर्ग
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- 12 Sep, 2020


श्रवण गर्ग
चैनलों पर चल रहे ‘मीडिया ट्रायल’ के नशे में खोई हुई देश की कोई एक चौथाई आबादी ने तलाश करना बंद कर दिया है कि कोरोना के ‘वैक्सीन के ट्रायल’ की ताज़ा स्थिति क्या है!
उधर, मुंबई में भी एक सितारा बेटी की ज़िंदगी दांव पर लगी हुई है और एक राजनीतिक मराठा बेटे ने महाराष्ट्र के गौरव की रक्षा करने का दायित्व अपनी तलवार की धार पर धारण कर लिया है। चूँकि दोनों ही सितारा बेटियाँ बॉलीवुड से जुड़ी हुई हैं, इसलिए फ़िल्मी हस्तियों की जिंदगियों से जुड़े तमाम अंतर्वस्त्रों को फ़िल्मी नगरी की सड़कों पर पताकाओं की तरह लहराया जा रहा है।