जब भी 1971 के भारत-पाक युद्ध पर चर्चा होती है तो अमेरिका के सातवें बेड़े की बात अवश्य निकल आती है। क्या था यह सातवाँ बेड़ा और उसने बांग्लादेश को जन्म देने वाले 1971 के युद्ध में अपनी सक्रिय भूमिका क्यों नहीं निभाई थी, इसपर आज तक रहस्य का पर्दा पड़ा हुआ है। क्या अमेरिका का सातवाँ बेड़ा इसलिए कुछ नहीं कर पाया कि उसके ऐक्शन में आने से पहले ही भारतीय फ़ौजों ने पाकिस्तान को हथियार डालने पर मजबूर कर दिया था या सातवाँ बेड़ा केवल दिखावे के लिए बंगाल की खाड़ी में आगे बढ़ रहा था या फिर सोवियत संघ की सक्रियता के कारण वह पीछे हट गया? आइए, आज 16 दिसंबर को भारतीय विजय की सालगिरह पर अमेरिकी सातवें बेड़े और तत्कालीन अमेरिकी कूटनीति के बारे में समझते हैं।
1971 युद्ध: अमेरिका ने पाक से 'खेल' कर दिया था?
- विचार
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- 16 Dec, 2022

भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 का युद्ध 16 दिसंबर के दिन ही ख़त्म हुआ था। पाकिस्तानी सेना ने इस दिन आत्मसमर्पण किया था। लेकिन क्या यह इतना आसान था? जानिए अमेरिका के सातवें बेड़े से भारत कैसे निपटा था।
सबसे पहले हम 1971 से पहले के उस दौर में जाते हैं जब अमेरिका पाकिस्तान की मदद से चीन से अपने रिश्ते सुधारने की कोशिश कर रहा था। अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन 1969 में राष्ट्रपति बनने के बाद ही इस दिशा में प्रयासरत थे। उनका इरादा चीन और सोवियत संघ के बीच कटु संबंधों का लाभ उठाकर तत्कालीन महाशक्ति सोवियत संघ के विरुद्ध शीत युद्ध में एक और मोर्चा खड़ा करने का था।
राजीव श्रीवास्तव रक्षा विश्लेषक हैं। रोहित शर्मा अंतरराष्ट्रीय संबंध विश्लेषक हैं।