पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने संयुक्त राष्ट्र संघ महासभा में ऐसा भारत-विरोधी भाषण दिया, जिसका तगड़ा जवाब अब नरेंद्र मोदी को देना ही पड़ेगा। दुनिया के करोड़ों श्रोताओं को ऐसा लगेगा कि ये दोनों प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र को नहीं, एक-दूसरे को भाषण दे रहे हैं। इमरान ख़ान ने अफ़ग़ानिस्तान और अरब-इस्राइल संबंधों पर तो काफ़ी संभलकर बोला लेकिन कश्मीर और भारतीय मुसलमानों के बारे में वह इस तरह बोल रहे थे मानो वह असदुद्दीन ओवैसी या राहुल गाँधी हों। ऐसा लग ही नहीं रहा था कि वह कोई विदेशी प्रधानमंत्री हैं।
संयुक्त राष्ट्र: इमरान को भारतीय मुसलमानों की चिंता, पाक मुसलिमों की क्यों नहीं?
- विचार
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- 27 Sep, 2020

यदि इमरान को कश्मीर की आज़ादी और भारतीय मुसलमानों की इतनी चिंता है तो उनसे कोई पूछ सकता है कि पाकिस्तान में जो रहते हैं, वे लोग क्या मुसलमान नहीं हैं? उनके साथ पाकिस्तान की सरकारें और फौज कैसा सलूक कर रही हैं? पाकिस्तानी कश्मीर और गिलगिट-बल्टीस्तान का क्या हाल है? हमारे कश्मीर के मुसलमान जितने परेशान हैं, क्या बलूचिस्तान और पख्तूनिस्तान के मुसलमान उनसे कम तंग हैं?