25 दिसंबर की सुबह जब मोबाइल फोन उठाया तो उम्मीद थी कि मैरी क्रिसमस के ढेर संदेश मिलेंगे। लेकिन ऐसे संदेश दिखाई देते उसके पहले ही तुलसी पूजन दिवस की बधाई के संदेश मिलने लग गए। तुलसी पूजन के लिए एक दिवस मनाना अपने आप में कोई ग़लत बात नहीं है और न ही इस दिन के लिए लोगों को बधाई देना। लेकिन थोड़ी ही देर में जो संदेश दिखाई दिए वे चौंकाने वाले थे। उनमें साफ़-साफ़ कहा जा रहा था कि 25 दिसंबर को क्रिसमस न मनाएँ बल्कि इस दिन को तुलसी पूजन दिवस के रूप में मनाएँ।

देश में नफ़रत फैलाने के मामले लगातार आते रहे हैं और क्रिसमस डे भी इसका अपवाद नहीं रहा। जानिए, क्रिसमस पर कुछ दक्षिणपंथियों ने क्या किया।
सुबह से ही ऐसे संदेश ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे थे। कुछ संदेशों में तुलसी का महत्व बताया गया था और कुछ में यह कहा जा रहा था कि हम विदेशी संस्कृति के प्रभाव में अपनी परंपराओं को भूलते जा रहे हैं।