राजधानी दिल्ली के चर्चित शाहीन बाग़ और प्रसिद्ध सूफ़ी संत निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह के बीच ज़मीनी फ़ासला लगभग दस किलोमीटर का है और इसे बीस मिनट में तय किया जा सकता है। लेकिन इस फ़ासले को दरगाह वाले इलाक़े में स्थित आलमी मरकज़ बंगले वाली मसजिद में हुए तब्लीग़ी जमात के धार्मिक जमावड़े ने हज़ारों किलोमीटर का कर दिया और फिर उस पर स्वच्छता में तीन बार ‘नम्बर वन’ आए इंदौर शहर के एक इलाक़े के कुछ मुसलिम कट्टरपंथियों ने नुकीले काँच, पत्थर और कांटे बिछा दिए।