किसानों और सरकार के बीच एक साल से अधिक समय तक गतिरोध के बाद, प्रधानमंत्री ने गुरु पर्व के दिन एलान किया कि उनकी सरकार तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने जा रही है। ये क़ानून किसानों और सरकार के बीच विवाद की जड़ थे।
कृषि क़ानून वापस होने के बाद भी जारी रह सकता है गतिरोध
- विचार
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- 23 Nov, 2021

केंद्र सरकार ने कृषि क़ानूनों की वापसी का एलान तो कर दिया है लेकिन अभी भी एमएसपी सहित कई मुद्दों पर किसानों और सरकार के बीच गतिरोध जारी रह सकता है।
बिल लाने की जल्दी क्या थी?
मोदी सरकार ने जून, 2020 में जब कोरोना वायरस की पहली लहर चरम पर थी, तब तीन कृषि बिलों को लागू करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया था। इसके तुरंत बाद किसानों ने बिल के ख़िलाफ़ अपना विरोध शुरू कर दिया था। अब सवाल ये है कि इसे लेकर अध्यादेश लाने की जल्दी क्या थी?
जाहिर है, कॉरपोरेट दिग्गजों की मदद करना सरकार के एजेंडे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। क्योंकि उस वक्त विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं थी तो सरकार को लगा कि ये कानून जबरदस्ती थोपे जा सकते हैं। अगले संसद सत्र में अध्यादेशों को विधेयकों में बदलना ज़रूरी था। पर बिना उचित बहस के विधेयकों को पारित किया गया। यहां सवाल वही है कि बिलों को इतनी जल्दी आगे बढ़ाना ज़रूरी क्यों था?