क्या सरकार 2024 के आम चुनाव से पहले देश के राजनैतिक आधार में किसी आमूल-चूल बदलाव की तैयारी कर रही है? जुलाई के आखिरी हफ्ते में कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने इस मसले को उठाते हुए कहा था कि सरकार अगले आम चुनाव से पहले लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के डीलिमिटेशन यानी पुनः सीमांकन और पुनर्गठन की तैयारी कर रही है।

ऐसे बहुत से लोग हैं जो काफी समय से पूरे देश के स्तर पर डीलिमिटेशन की बात करते रहे हैं। इसके पक्ष में काफी मजबूत तर्क भी हैं। यह कहा जाता है कि पिछले कुछ दशकों में देश का जनसंख्या स्वरूप काफी बदला है और इसकी वजह से कई तरह का असंतुलन भी दिखाई देता है।
तिवारी का कहना था कि सरकार नई जनगणना के हिसाब से लोकसभा की सीटों की संख्या को बढ़ाना चाहती है। यह आशंका पिछले कुछ समय से इसलिए भी मजबूत हो रही है क्योंकि सेंट्रल विस्टा के तहत जो नई लोकसभा बन रही है, उसमें कुल एक हजार सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है।