होली से पहले ही दिल्ली के एक बड़े इलाक़े में खून की होली खेली गई। बरसों से जिस प्यार, भाईचारे और मेलजोल से लोग रहते थे वह कुछ ही घंटों में ख़त्म हो गया और लोग एक-दूसरे के खून के प्यासे हो गए। यह सच है कि इन दंगों के दौरान ऐसी भी मिसालें देखने को मिलीं जहां हिंदुओं ने अपने मुसलिम पड़ोसियों को बचाया तो मुसलिम परिवारों ने दंगों के बीच हिंदू बहन की डोली उठवाई। इसके बावजूद जो कुछ हुआ है, उसने पूरे उत्तर-पूर्वी दिल्ली के लोगों के बीच एक दीवार खींच दी है या कहें कि दरार पैदा कर दी है। न जाने इस दरार को पटने में कितना लंबा वक़्त लगेगा।