हमारी सरकार अब 'न्यूज' को ‘क्लिक' करना सीख गयी है। सरकार को हर न्यूज में दिलचस्पी रहती है क्योंकि हर न्यूज सरकार का बल्ब फ्यूज करने का काम करती है। इस बार सरकार के निशाने पर सचमुच में 'न्यूज क्लिक' ही है।

दिल्ली पुलिस ने न्यूज़क्लिक और इससे जुड़े पत्रकारों के घर छापे मारे। न्यूजक्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया है। आख़िर ये कार्रवाई क्यों?
सरकार यानी दिल्ली पुलिस ने ‘न्यूज़क्लिक’ के सौ से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की और न्यूज के तमाम स्रोतों से जुड़ी सामग्री को अपने कब्जे में ले लिये। इतना ही नहीं, ऐसा करने के बाद न्यूज़क्लिक करने वाले उर्मिलेश और अभिसार को भी पूछताछ के लिए अपना मेहमान बना लिया। न्यूज़क्लिक पर बड़ा संगीन आरोप है कि उसने हमारी संप्रभु सरकार के ख़िलाफ़ काम करने के लिए चीन से 38 करोड़ रुपया हासिल किया। पुलिस की इस कार्रवाई को पूरा मीडिया जगत अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला मान कर चल रहा है लेकिन मुझे लगता है कि इस कार्रवाई का मक़सद अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल करने वाले तमाम लोगों को हड़काने भर की है क्योंकि पांच राज्यों के चुनाव सिर पर हैं और कुछ ही महीने बाद आम चुनाव भी होना है।