यानी मेरी राय बिलकुल सही थी। दिल्ली चुनावों में बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है और वह बड़ी बेचैनी के साथ चाहती है कि चुनाव सांप्रदायिकता के एजेंडे पर लड़ा जाए। मैंने लिखा था कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी अपने पाँच सालों के कामकाज पर लड़ना चाहती है और बीजेपी की पूरी कोशिश है कि वह विकास के कामों पर चुनाव न होने दे। इसलिये वह पूरी शिद्दत से शाहीन बाग़ को आगे कर उसे बड़ा मुद्दा बनाना चाहती है। वह तीन स्तरों पर काम कर रही है।