पिछले लोकसभा चुनाव में अनुसूचित जातियों के एक विशेष हिस्से ने भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में मतदान किया था। दरअसल, इस मतदान के बिना यह पार्टी उत्तर भारतीय हिंदू समाज की अपने पक्ष में व्यापक राजनीतिक एकता की मज़बूत दावेदारी नहीं कर सकती थी। आँकड़ों की दृष्टि से देखा जाए तो स्पष्ट हो जाता है कि जाटव समाज को छोड़ कर उत्तर प्रदेश में अन्य दलित समुदायों की पहली प्राथमिकता बीजेपी बन चुकी है।