पूर्वी लद्दाख के चुमार इलाक़े के सीमांत देमचोक गाँव में अपने सैनिक भेजकर चीन ने भारत को दो संदेश दिये हैं। बड़ा संदेश यह कि देमचोक से उसकी बुरी निगाह हटी नहीं है और दूसरा संदेश यह कि भारत दलाई लामा को ज़्यादा अहमियत नहीं दे।
देमचोक में चीनी घुसपैठ, भारत के लिये दो संदेश
- विचार
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- 13 Jul, 2021

दोनों देशों के बीच सैन्य तनातनी लम्बी खिंचने के बीच चीन द्वारा अपने सैनिकों को देमचोक भेजकर आँखें दिखाना निश्चय ही भड़काने वाली कार्रवाई कही जा सकती है। पहले दोनों पक्षों ने यह वादा किया था कि मसला हल होने तक कोई भी पक्ष उकसाने वाली कार्रवाई नहीं करेगा लेकिन चीन ने एक बार फिर समझौते की भावना को तोड़ा है।
यह वही देमचोक गांव है जहां सितम्बर 2014 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत दौरे के वक़्त ही चीनी सेना घुस गई थी और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शी जिनपिंग से इस बारे में शिकायत करने के एक सप्ताह बाद ही चीनी सेना वहां से पीछे गई थी। देमचोक में चीनी सैन्य घुसपैठ से भारतीय सेना को आगाह हो जाना चाहिये कि मौक़ा पाकर कभी भी चीनी सेना देमचोक पर फिर सैन्य हमला बोल सकती है।