श्रीनगर से पहलगाम जाते वक़्त रास्ते में संगम कस्बे के पास अब भी यूँ तो पुलवामा हमले की यादें ताज़ा हो जाती हैं जब दो साल पहले 14 फ़रवरी 2019 को एक आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ़ के 40 जवान शहीद हो गए थे, लेकिन अब यहाँ केसर की महक महसूस होती है, इस इलाक़े में केसर की खेती होती है और ज़्यादातर दुकानों पर असली केसर मिलती है और साथ ही शानदार कहवा का स्वाद, दिल्ली के बड़े होटलों में मिलने वाले ‘कश्मीरी कहवा’ से बिलकुल अलग, ऐसा स्वाद जो भूलता नहीं, इसी इलाक़े में विलू के पेड़ हैं और कारखाने भी, जहाँ देश और दुनिया में नाम कमाने वाले क्रिकेट बैट मिलते हैं।