वित्त मंत्रालय से आया अप्रैल फूल का झटका तो वापस हो गया। लेकिन यह सवाल हवा में तैर रहा है कि एनएससी, पीपीएफ़ और बाक़ी छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर आगे भी बरक़रार रहेगी या फिर पाँच राज्यों के चुनाव ख़त्म होने के बाद यानी अगली तिमाही में यहाँ फिर कटौती होगी?