स्त्रियों की दुनिया में बहुत से धार्मिक भ्रम जाल हैं। शताब्दियों से उन्हें भरमा कर रखा गया है और हम हैं कि जाले साफ़ ही नहीं करते और न ही उन भ्रम जालों से जवाब तलब करते हैं। हमें पूछना चाहिए कि आख़िर क्यों करें हम होलिका दहन। क्यों सदी दर सदी एक बेगुनाह स्त्री को आग के हवाले करते रहें। क्या ताक़तवर होना ही उस स्त्री का (होलिका) सबसे बड़ा गुनाह था या पितृसत्ता की ग़ुलामी में सबकुछ सिर झुका कर मान लेना ही उचित था।
होली विशेष: क्यों सदी दर सदी एक बेगुनाह स्त्री को आग के हवाले करते रहें?
- विचार
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- 20 Mar, 2019

जो अपने अंदर की बुराई को न मार सके, जो अपने अहंकार को कम न कर सके, ऐसा समुदाय होलिका दहन करता हुआ क्या फूहड़ नहीं लगता है?