बिहार विधानसभा चुनाव समाप्त हो चुके हैं। लगभग सभी जनमत सर्वेक्षणों में तेजस्वी यादव की बढ़त दिखायी गयी थी। तेजस्वी की विशाल रैलियों में भारी बेरोज़गारी, नौकरियों की तलाश में बिहारियों के अन्य राज्यों में पलायन जैसे मुद्दे छाये रहे फिर भी एनडीए ने स्पष्ट बहुमत हासिल किया। इससे यह स्पष्ट होता है कि बिहार के साथ-साथ अधिकांश अन्य भारतीय राज्यों में भी मतदाता इस बात से चिंतित नहीं हैं कि उनके राज्य में ग़रीबी, बेरोज़गारी, कुपोषण, स्वास्थ्य सेवा, बढ़ती क़ीमतों, भ्रष्टाचार आदि मुद्दे उनके लिये अहम हैं। और इसके मद्देनज़र वो मतदान करें। साफ़ है कि केवल जाति और धर्म ही महत्व रखता है।