जेएनयू की पूर्व प्रोफ़ेसर सुधा पाई ने ‘द वायर’ में प्रकाशित एक लेख लिखा है, जिसका शीर्षक है 'Rise of Tejashwi Yadav signals significant change in Bihar politics'। इस लेख में वह कहती हैं कि भारतीय राजनीति में अब केवल जातिगत संरेखण मायने नहीं रखता है, और बेरोज़गारी, मूल्य वृद्धि आदि जैसे कारक महत्वपूर्ण हो गए हैं। उन्होंने तेजस्वी यादव के बिहार चुनाव प्रचार के दौरान अपने भाषणों में इन अन्य कारकों का प्रभाव बताया।