इन दिनों आप केंद्र और बीजेपी शासित राज्यों की किसी भी वेबसाइट पर चले जाएं, सब जगह आपको अमृत महोत्सव की तैयारियां दिखाई देंगी। मीडिया भी ऐसी तमाम खबरों से भरा हुआ है। पिछले दिनों मीडिया में इस खबर को कुछ ज्यादा प्रमुखता दी गई कि दिल्ली के जामिया मिल्लिया इसलामिया विश्वविद्यालय में अमृत महोत्सव मनाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं।

हमारे यहां जयंती शब्द तब लोकप्रिय हुआ जब सिनेमाघरों में हिट फिल्मों का दौर हुआ करता था। कुछ फिल्में रजत जयंती मनाती थीं, कुछ की स्वर्ण जयंती होती थी तो कुछ हीरक जयंती और उससे भी आगे जाती थीं। यह कभी नहीं सुनाई दिया कि शोले फिल्म के 75 हफ्ते पूरे होने पर कहीं अमृत महोत्सव मनाया गया।
वैसे, यह कोई नई शब्दावली नहीं है। अमृत महोत्सव शब्द का इस्तेमाल देश के कई इलाकों में न जाने कब से होता रहा है। मसलन 1995 में स्वामीनारायण संप्रदाय के प्रमुख जब 75 साल के हुए तो दुनिया भर में इस समुदाय के लोगों ने दुनिया भर में 37 दिन का अमृत महोत्सव मनाया। मुंबई में तो इसके लिए खासा भव्य आयोजन हुआ।
किसी चीज के 75 साल पूरे होने पर या 75वीं जयंती पर अमृत महोत्सव मनाने के कई दूसरे उदाहरण भी खोजे जा सकते हैं।