पाँच राज्यों के चुनावों के नतीजे केंद्र सरकार, भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष की राजनीति पर असर डालेंगे। इनसे पता चलेगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ़ किस ओर जा रहा है। इनसे ममता बनर्जी का राजनीतिक भविष्य भी तय होगा। लेकिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए भी इन चुनावों के नतीजे मोदी और ममता से किसी भी सूरत में कम अहम नहीं हैं। क्योंकि कांग्रेस में उनकी ताजपोशी का बहुत कुछ दारोमदार इन पाँच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों से तय होगा।
पाँच राज्यों के चुनाव तय करेंगे कितने लोकप्रिय हैं मोदी?
- विचार
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- 26 Mar, 2021

पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे का क्या असर होगा? कई नेताओं की साख दाँव पर है। इससे ममता बनर्जी का भविष्य तय होगा तो राहुल गाँधी और प्रधानमंत्री मोदी का भी। कुल मिलाकर दो मई को पाँचों राज्यों के चुनाव नतीजों से ही पता चलेगा कि देश की सियासत का ऊँट किस करवट बैठेगा।
इन चुनावों से देश की राजनीति के भविष्य से जुड़े पांच यक्ष प्रश्नों के जवाब निकल सकते हैं। पहला सवाल कि केंद्र सरकार के तीन कृषि क़ानूनों और उनके ख़िलाफ़ चल रहे किसान आंदोलन का भविष्य क्या होगा। दूसरा, इनसे पता चलेगा कि बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा अपनी संगठन क्षमता और रणनीति में कितने खरे उतरे। तीसरा, यह कि कांग्रेस में क्या राहुल गांधी दोबारा अध्यक्ष बनेंगे या जी-23 नेता समूह की पसंद का कोई पार्टी की कमान संभालेगा। चौथा, यह कि नरेंद्र मोदी के मुक़ाबले क्या ममता बनर्जी विपक्ष की साझा नेता के तौर पर राष्ट्रीय राजनीति में उभरकर आएंगी और पाँचवाँ यह कि क्या धुर दक्षिण की राजनीति में बीजेपी के कमल को जगह मिल सकेगी या नहीं।