यह तथ्य तो अब जगजाहिर हो चुका है कि भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिए एक संप्रदाय विशेष को संगठित और सुनियोजित रूप से ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है। यह काम सरकार के स्तर पर भी हो रहा है और सत्तारुढ़ बीजेपी के संगठनात्मक स्तर पर भी। मुख्यधारा के मीडिया का एक बड़ा हिस्सा भी इस काम में बढ़-चढ़ कर उनका साथ निभा रहा है। लेकिन दिल्ली में आम आदमी पार्टी और उसकी सरकार भी इस तरह की मुहिम में पीछे नहीं है। दोनों के अभियान में फर्क इतना है कि जहाँ बीजेपी और केंद्र सरकार का अभियान ज़मीनी स्तर पर साफ़ दिखाई देता है, जबकि आम आदमी पार्टी उसी काम को बेहद सधे हुए ढंग से कर रही है।