जब किसी एक धर्म या जाति में ही शादी-ब्याह, संपत्ति के बँटवारे के नियम-क़ायदे और रीति-रिवाज़ जब एक जैसे नहीं हैं तो पूरे देश में अलग-अलग धर्म और भाषाओं के लोगों में एकरूपता लाना क्या आसान है? क्या यह संभव भी है? कम से कम मिज़ोरम सरकार को तो ऐसा नहीं लगता है।
मिज़ोरम ने क्यों कहा- समान नागरिक संहिता 'देश तोड़ देगी'?
- विश्लेषण
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- सत्य ब्यूरो
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- 15 Feb, 2023
पूरे देश में क्या समान नागरिक संहिता को लाना संभव है? जहाँ कुछ राज्य इसके पक्ष में प्रस्ताव ला रहे हैं तो कुछ कुछ राज्य विरोध में। जानिए किस आधार पर मिज़ोरम विधानसभा ने विरोध में प्रस्ताव पास किया।

मिज़ोरम ने समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी का विरोध किया है। इसने मंगलवार को इसके विरोध में प्रस्ताव पास करते हुए दावा किया कि समान नागरिक संहिता को लागू करने से देश का विघटन हो जाएगा। मिज़ोरम के गृहमंत्री लालचामलियाना ने देश में यूसीसी को लागू करने के किसी भी क़दम का विरोध करते हुए विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया। राज्य में मिजो नेशनल फ्रंट सरकार के गृह मंत्री द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को सदन ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया। 30 जनवरी को मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा की अध्यक्षता में मिज़ो नेशनल फ्रंट यानी एमएनएफ़ विधायक दल की बैठक में यह प्रस्ताव लाने का संकल्प लिया गया था।