निज़ाम बदलते ही फ़रमान बदलने लगे! क्या अब भीमा कोरेगाँव मामले में आरोपी बनाए गए सामाजिक कार्यकर्ताओं से केस वापस लिए जाएँगे? यह सवाल इसलिए कि गठबंधन सरकार में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी के नेताओं ने इसके लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है। पत्र लिखने वालों में वरिष्ठ एनसीपी नेता और पंकजा मुंडे के चचेरे भाई धनंजय मुंडे भी शामिल हैं। इस बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी इस पर सकारात्मक संदेश दिया है। उन्होंने तो दावा किया है, ‘पूर्व की सरकार ने ही भीमा कोरेगाँव से जुड़े केसों को वापस लेने का आदेश दे दिया था। पहले हम यह देख रहे हैं कि कहीं इस पर अमल तो नहीं कर दिया गया है।’ ऐसे में मुख्यमंत्री की मानें तो इन केसों का वापस लिया जाना तय है।
भीमा कोरेगाँव: क्या सामाजिक कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुक़दमे वापस लिए जाएँगे?
- महाराष्ट्र
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- 4 Dec, 2019

निज़ाम बदलते ही फ़रमान बदलने लगे! क्या अब भीमा कोरेगाँव मामले में आरोपी बनाए गए सामाजिक कार्यकर्ताओं से केस हटाया जाएगा?
महाराष्ट्र की राजनीति में फ़रमान बदलने की यह बात अब आम चर्चा का विषय बन गयी है। पिछली सरकार के आर्थिक निर्णयों की बात हो या फिर उसकी योजनाएँ या प्रोजेक्ट हों, सबको लेकर समीक्षा और सुझाव कार्य तेज़ी से चल रहा है। इन सबके बीच एक बड़ी बात यह है कि विगत कुछ सालों में पिछली सरकार में विभिन्न मुद्दों को लेकर जिन लोगों ने आंदोलन किए थे, अब यह सरकार उनके आपराधिक मामले ख़त्म करने के आदेश दे रही है। इस संदर्भ में एनसीपी विधायक धनंजय मुंडे ने भीमा कोरेगाँव प्रकरण में सामाजिक कार्यकर्ताओं व बुद्धिजीवियों के ख़िलाफ़ दर्ज मामले वापस लिए जाने की माँग की है।