‘भीमा कोरेगाँव प्रकरण में मनोहर उर्फ़ संभाजी भिड़े से हमें कोई सहानुभूति नहीं है।’ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रदेश अध्यक्ष और उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री जयंत पाटिल का यह बयान बहुत मायने रखता है। इसी संबंध में एक बयान पिछली सरकार में विरोधी पक्ष के नेता रहे कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार का भी आया है। उन्होंने कहा है कि मनोहर भिड़े की भीमा कोरेगाँव प्रकरण में जाँच होनी चाहिए। तो क्या अब यह माना जाए कि महा विकास अघाड़ी की सरकार भीमा कोरेगाँव हिंसा प्रकरण की जाँच करवाएगी। और क्या नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में महाराष्ट्र पुलिस की जाँच का नजरिया बदलेगा? दरअसल, इन दोनों ही प्रकरणों में पिछले क़रीब दो सालों में महाराष्ट्र पुलिस की भूमिका को लेकर अदालतों ने काफी संदेह जताया है और टीका-टिप्पणी भी की है।