पूर्व केंद्रीय मंत्री और शिवसेना नेता अनंत गीते ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार पर निशाना साधा है। अनंत गीते ने रायगढ़ में एक कार्यक्रम में कहा है कि शरद पवार ने कांग्रेस की पीठ में खंजर घोंपकर अपनी पार्टी बनाई थी, इसलिए शरद पवार शिवसैनिकों के गुरु नहीं हो सकते। अनंत गीते के इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में खलबली मच गई है। एनसीपी ने गीते के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि गीते चुनाव हार गए हैं और उनका अस्तित्व ख़तरे में है इसलिए वह ऐसा बयान दे रहे हैं।
अनंत गीते रायगढ़ में ज़िला परिषद चुनाव के प्रचार में पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे, तभी अनंत गीते ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर जुबानी हमला किया। गीते ने कहा कि महाराष्ट्र में एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के गठबंधन में चलने वाली सरकार सिर्फ़ एक समझौता है। अनंत गीते ने कहा कि लोग चाहे शरद पवार की कितनी भी तारीफ़ क्यों ना करें लेकिन हमारे गुरु सिर्फ़ दिवंगत बाला साहेब ठाकरे हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत गीते ने आगे कहा कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के साथ चल रही गठबंधन की सरकार के प्रति उनकी कोई बुरी मंशा नहीं है और वह यह भी चाहते हैं कि सरकार पूरे पांच साल चले। गीते ने कहा कि यदि कांग्रेस और एनसीपी एक नहीं हो सकते हैं तो शिवसेना भी कांग्रेस की नीतियों पर नहीं चल सकती।
तटकरे ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना की सरकार गठबंधन में चल रही है और यह सबको पता है कि महाराष्ट्र की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका शरद पवार ने ही निभाई थी। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे में गीते द्वारा दिए गए बयान का कोई औचित्य नहीं है।
एनसीपी नेता तटकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में जब महाविकास अघाड़ी की सरकार का गठन किया जा रहा था तो अनंत गीते एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से मिले थे और उनके पैर भी छुए थे, ऐसे में इस तरह का बयान उनकी निराशा को दर्शाता है।
शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत से जब अनंत गीते के बयान के बारे में सवाल पूछा गया तो संजय राउत ने कहा कि निसंदेह एनसीपी प्रमुख शरद पवार देश के नेता हैं, यह बात सबको पता है। उन्होने कहा कि शरद पवार की राजनीति के बारे में किसी भी बयानबाज़ी से बचना चाहिए। राउत ने कहा कि यह शरद पवार का ही प्रयास था कि महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना ने मिलकर सरकार बनाई थी।
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