शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने मुंबई की वर्ली सीट से नामांकन दाख़िल कर दिया है। ठाकरे परिवार से चुनाव लड़ने वाले आदित्य पहले शख़्स हैं। आदित्य के नामांकन में बड़ी संख्या में शिवसैनिक उपस्थित रहे।
राजनीतिक हलकों में इस बात की जोरदार चर्चा है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का अपने बेटे आदित्य ठाकरे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाने का स्वप्न कहीं राज्य के राजनीतिक समीकरण तो नहीं बदल देगा? चुनाव से कुछ दिन पहले ही आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र में जन आशीर्वाद यात्रा निकाली थी और सार्वजनिक रूप से कहा था कि यदि जनता ने कहा तो वह चुनाव भी लड़ेंगे और मुख्यमंत्री भी बनेंगे।
महाराष्ट्र में शिवसेना-बीजेपी गठबंधन में मुख्यमंत्री कौन होगा? एक ऐसा सवाल है जिस पर बीजेपी-शिवसेना के बीच तलवारें खिंची हुई हैं। मुख्यमंत्री फडणवीस ने हाल ही में कहा था कि मुख्यमंत्री पद की कुर्सी रिजर्व है और बीजेपी उप मुख्यमंत्री पद भी देने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में बीजेपी और शिवसेना के बीच तनातनी बढ़ने के आसार हैं।
बीजेपी के साथ शिवसेना के रिश्तों को देखते हुए यह मुश्किल है कि आदित्य इस बार मुख्यमंत्री बन सकेंगे। रही बात उप मुख्यमंत्री पद की तो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने बयान दे दिया है कि उप मुख्यमंत्री का पद नहीं दिया जाना है। तो फिर क्या चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की सलाह पर उद्धव ठाकरे आदित्य को चुनाव लड़वा रहे हैं।
महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे और 24 अक्टूबर को नतीजे आएंगे। लेकिन उससे पहले सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों दलों के बीच जोर-आजमाइश हो चुकी है। ऐसे हालात में अगर बीजेपी-शिवसेना सत्ता में वापस लौटते हैं तो निश्चित रूप से मुख्यमंत्री पद की कुर्सी को लेकर दोनों दलों के बीच भिड़ंत होगी और दोनों ही दल इस मुद्दे पर अपने रुख से पीछे नहीं हटेंगे।
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