शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे ने गुरुवार शाम को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी के रूप में शपथ ली। प्रधानमंत्री मोदी ने शिंदे को बधाई दी कि वो महाराष्ट्र को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। महाराष्ट्र में एक दिन के अंदर सबकुछ बदल गया। शिवसेना ने अंत तक सुप्रीम कोर्ट में इस लड़ाई को लड़ा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि वो फ्लोर टेस्ट पर रोक नहीं लगाएगी। फ्लोर टेस्ट से पहले उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया। शिंदे ने बीजेपी के साथ गुरुवार को सरकार बनाने का दावा पेश किया। जिसे गवर्नर ने मान लिया और शाम को शपथ दिला दी गई। उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस को दी बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट किया, 'मेरी कामना है कि आप महाराष्ट्र में अच्छा काम करें'।
सरकार बनाने को लेकर दिलचस्प मोड़ तब आया जब फडणवीस ने कहा कि वो सरकार में शामिल नहीं होंगे। शिंदे सीएम होंगे। सबकुछ दिल्ली से नियंत्रित हो रहा था। बाद में दिल्ली ने फैसला बदला औऱ तय हुआ कि एक रणनीति के तहत देवेंद्र फडणवीस सरकार में शामिल होंगे और डिप्टी सीएम होंगे। बाद में फडणवीस ने भारी मन से पार्टी के इस फैसले को स्वीकार किया। ट्वीट करके जानकारी भी दे दी।
बीजेपी ने बहुत तरीके से सारा ताना-बाना बुना है। एकनाथ शिंदे को मंत्री बनवाकर उसने जनता में संदेश भेजा है कि मुख्यमंत्री तो शिवसेना का ही है। लेकिन देखना यह है कि बीजेपी औऱ फडणवीस शिंदे को कितना बर्दाश्त करते हैं। फडणवीस हमेशा बड़ी भूमिकाओं में रहे हैं। वो दो बार सीएम रहे। ऐसे में शिंदे को वो कितना पसंद करेंगे, सारी राजनीति उसी पर निर्भर करेगी। बहरहाल, शिंदे ने तमाम बोझ को महसूस करते हुए पीएम मोदी और फडणवीस का धन्यवाद किया है कि उन्होंने उनमें विश्वास जताया। शिंदे का यह बयान किसी बीजेपी शासित सीएम जैसा ही बयान लगता है।
शिंदे ने ट्विटर पर नई फोटो लगाई
शिंदे ने ट्विटर पर अपनी डिस्प्ले फोटो बदल दी है। अब जो फोटो लगी है, उसमें वो बाला साहब ठाकरे पास बैठे नजर आ रहे हैं। इस फोटो के गहरे अर्थ हैं। शिंदे दरअसल, शिवसेना के संस्थापक बाला साहब के नाम को भुना कर ही महाराष्ट्र की बागडोर को संचालित करेंगे। वो खुद को बाला साहब का वारिस साबित करने के लिए पूरा जोर लगा देंगे। यही वजह है कि कौन असली शिवसेना है, इस पर आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति तेज हो जाएगी।
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