महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक यानी एमएससी घोटाले में एनसीपी नेता शरद पवार आज ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होंगे। क़ानून-व्यवस्था के मद्देनज़र पुलिस ने ईडी कार्यालय के बाहर और दक्षिण मुंबई कुछ इलाक़ों में धारा 144 यानी निषेधाज्ञा लागू कर दी है। ईडी ने मंगलवार को ही शरद पवार के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है। इसके बाद शरद पवार ने खुले तौर पर कहा कि ईडी को उनको तलाशने की ज़रूरत नहीं है बल्कि वे ख़ुद ईडी कार्यालय जाएँगे। रिपोर्टें हैं कि ईडी ने मामले में पवार या किसी अन्य को अब तक तलब नहीं किया है। यह मामला ऐसे समय में दर्ज किया गया है जब राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
संभावित विरोध-प्रदर्शनों को देखते हुए ईडी कार्यालय के बाहर धारा 144 लगाई गई। पुलिस ने बताया कि मुंबई के सात थाना- कोलाबा, कफे परेड, मरीन ड्राइव, आज़ाद मैदान, डोंगरी, जेजे मार्ग और एमआरए थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू रहेगी।
Dear Mumbaikars!
— Mumbai Police (@MumbaiPolice) September 26, 2019
Please be advised that prohibitory orders have been issued u/s 144 CrPC for the following jurisdictions.
1. Colaba PS
2. Cuffe Parade PS
3. Marine Drive PS
4. Azad Maidan PS
5. Dongri PS
6. JJ Marg PS
7. MRA Marg PS
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने एक दिन पहले ही कहा है कि बैंक घोटाला मामले में वह शुक्रवार को ईडी के सामने पेश होंगे। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से ईडी ऑफिस के पास नहीं जुटने की भी अपील की। उन्होंने एनसीपी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि लोगों को कोई असुविधा न हो।
पवार ने बुधवार को कहा था कि एमएससी बैंक मामले में मेरा नाम ईसीआईआर में दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा था, ‘मैं एजेंसियों की जाँच में सहयोग करूँगा। शुक्रवार को मैं ईडी के सामने पेश होऊँगा। यह मेरे जीवन में दूसरी बार है। इससे पहले 1980 में मुझे एक आंदोलन के दौरान गिरफ़्तार किया गया था।’
बता दें कि शरद पवार, उनके भतीजे अजित पवार, आनंद राव, जयंत पाटिल सहित क़रीब 70 लोगों के ख़िलाफ़ एमएससी के 25 हज़ार करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में ईडी ने केस दर्ज किया है। 22 अगस्त को बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले में पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार समेत 70 लोगों पर मामला दर्ज करने का आदेश दिया था।
ईडी धन शोधन रोकथाम क़ानून के अंतर्गत दर्ज शिकायत के तहत आरोपों की जाँच कर रही है। आरोप है कि एमएससीबी के शीर्ष अधिकारी, अध्यक्ष, एमडी, निदेशक, सीईओ और प्रबंधकीय कर्मचारी तथा सहकारी चीनी फ़ैक्ट्री के पदाधिकारियों को ग़लत तरीक़े से क़र्ज़ दिए गए।
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