देश में जब नरसिंह राव की सरकार थी उस समय जैन डायरी घोटाले की बहुत गूँज हुई थी। उस डायरी की विशेषता यह थी कि उसमें से सत्ता पक्ष और विपक्ष के दर्जनों नेताओं के नाम सामने आए थे। संसद से लेकर सड़क तक ख़ूब हंगामा हुआ। अख़बारों में रोज़ कोई नया नाम सुर्ख़ियों में हुआ करता था और यह कहा जाने लगा था कि शायद नरसिंह राव अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को खामोश कराने के लिए इस डायरी का उपयोग कर रहे हैं। महाराष्ट्र में सहकारी बैंक घोटाले को लेकर जो मामला दर्ज हुआ है उसकी तसवीर भी कुछ ऐसी ही है।
अब शरद पवार की बारी? सहकारी बैंक घोटाले में आया नाम
- महाराष्ट्र
- |
- |
- 27 Aug, 2019

महाराष्ट्र में सहकारी बैंक घोटाले में अब शरद पवार का नाम जोड़ा गया है। अब इस मामले को भी उसी से जोड़कर देखा जाने लगा है कि क्या शरद पवार को घेरने की कोई योजना तो नहीं बनाई जा रही है?
इस मामले में प्रदेश के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं के नाम हैं। कुछ उन नेताओं के नाम भी हैं जो पहले किसी और दल में थे लेकिन अब सत्ताधारी दल के साथ हो लिए हैं। चर्चा तो यह है कि उनके दल-बदल के पीछे भी इसी घोटाले की जाँच के दबाव का हाथ था। लेकिन सोमवार को जब इस घोटाले को लेकर दर्ज हुए मामले से शरद पवार का नाम जोड़ा गया तो चर्चाओं ने नया रुख ले लिया। जिस तरह से देश और महाराष्ट्र में ईडी की कार्रवाई विपक्षी दलों के नेताओं के ख़िलाफ़ चल रही है, इस मामले को भी उसी से जोड़कर देखा जाने लगा है कि क्या शरद पवार को घेरने की कोई योजना तो नहीं बन रही है?