प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जब लोकसभा चुनाव के दौरान यह कहा था कि शरद पवार को बारामती में हराएँगे तब उस समय राजनीति के बहुत से जानकारों ने इसे हलके में लिया था। लेकिन विधानसभा चुनाव की चौसर पर जिस तरह से राष्ट्रवादी कांग्रेस का हर बड़ा मोहरा बिना लड़े धराशायी हो रहा है उससे यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या यह चुनाव शरद पवार की राजनीति के लिए शह और मात का दाँव तो नहीं सिद्ध होने वाला है? यह विधानसभा चुनाव राष्ट्रवादी कांग्रेस के अस्तित्व का सवाल बन गया है। ठाणे, सोलापुर, सातारा, कोल्हापुर ज़िले जो राष्ट्रवादी कांग्रेस के गढ़ के रूप में जाने जाते थे वहाँ चुनाव से पूर्व ही भारी भगदड़ मची हुई है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि इतने बड़े नुक़सान की भरपाई शरद पवार कैसे कर पाएँगे?