चुनाव आयोग ने मंगलवार को जब महाराष्ट्र की सातारा लोकसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा की तो कई सवाल खड़े हुए। आयोग ने अभी 21 सितम्बर को ही प्रदेश के विधानसभा चुनावों के साथ ही सातारा उप चुनाव की घोषणा क्यों की थी? उसी दिन आयोग ने हरियाणा विधानसभा के चुनावों के साथ देश भर के विभिन्न राज्यों की 63 विधानसभा की सीटों पर तथा बिहार की समस्तीपुर लोकसभा सीट पर उप चुनाव की भी घोषणा की थी। समस्तीपुर लोकसभा से राम विलास पासवान के भाई चुनाव जीते थे लेकिन उनके निधन के बाद यह सीट रिक्त हो गयी है। ऐसे में सवाल यह है कि आयोग ने उसी दिन सातारा लोकसभा के उप चुनाव की घोषणा क्यों नहीं की, जो आज उसे तीन दिन बाद करनी पड़ी? क्या आयोग इस उपचुनाव की घोषणा को लेकर किसी के दबाव में है?