शिवसेना नेताओं के बयान बदलने लगे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने बुधवार को कहा कि ज्यादा से ज्यादा सत्ता जाएगी, लेकिन पार्टी की प्रतिष्ठा जरूरी है।
हालांकि शिवसेना नेता संजय राउत ने पार्टी के भीतर चल रहे संकट की वजह से पीछे हटने की बात मानने से इनकार कर दिया। मुंबई में बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने विश्वास जताया कि असंतुष्ट एकनाथ शिंदे और अन्य बागी विधायक वापस आएंगे, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि पार्टी एक बड़ी मुसीबत में है।
एकनाथ शिंदे को दोस्त और पार्टी का पुराना सदस्य बताते हुए राउत ने कहा, हमने दशकों तक साथ काम किया है। न तो उनके लिए और न ही हमारे लिए एक-दूसरे को छोड़ना आसान है। मैंने आज सुबह उनसे एक घंटे तक बातचीत की और पार्टी प्रमुख को इस बारे में सूचित कर दिया था।
राउत ने कहा, एकनाथ शिंदे के साथ रहने वाले विधायकों के साथ बातचीत चल रही है, हर कोई शिवसेना में रहेगा। हमारी पार्टी एक लड़ाकू पार्टी है, हम लगातार संघर्ष करेंगे।हम सत्ता खो सकते हैं लेकिन हम लड़ना जारी रखेंगे।
शिंदे की मांग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, एकनाथ शिंदे की ओर से कोई मांग नहीं की गई है, उन्होंने कोई शर्त नहीं रखी है। पार्टी में संकट पर उन्होंने कहा, ज्यादा से ज्यादा क्या होगा? सत्ता जाएगी और सत्ता फिर आएगी, लेकिन प्रतिष्ठा मायने रखती है।
एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर उद्धव ठाकरे के साथ असहमति के बाद शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट खड़ा कर दिया। शिंदे के दावे के मुताबिक उन्हें करीब 40 विधायकों का समर्थन हासिल है। शिंदे अब सूरत से असम पहुंच गए हैं। उन्हें बीजेपी का पूरी तरह संरक्षण मिला हुआ है। हर जगह पुलिस उन लोगों की सुरक्षा में तैनात है। महंगे होटलों में ठहराया जा रहा है। चार्टर्ड प्लेन हर समय तैयार रहता है।
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