मुंबई पुलिस के पूर्व अफ़सर सचिन वाज़े की कस्टडी 3 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है। वाजे की रिमांड गुरूवार को ख़त्म हो रही थी। एनआईए ने अदालत से उसकी रिमांड बढ़ाए जाने की मांग की। अदालत में वाजे ने एक बड़ी बात कही कि उसे बलि का बकरा बनाया जा रहा है। वाजे इन दिनों उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर जिलेटिन की छड़ों से भरी मिली कार और इसके मालिक मनसुख हिरेन की मौत के मामले में एनआईए की पूछताछ का सामना कर रहे हैं।
एनआईए के अफ़सरों का कहना है कि हिरेन और वाजे की मुलाक़ात 17 फरवरी को हुई थी। उस दिन हिरेन ने अपनी कार का चाबी वाजे को दी थी लेकिन बाद में उसने कहा था कि उसकी कार चोरी हो गई है। हिरेन का शव 5 मार्च को ठाणे में मिला था। एनआईए ने इस मामले में 13 मार्च को सचिन वाजे को गिरफ़्तार किया था।
एनआईए ने अदालत को बताया कि वह वाजे और मनसुख हिरेन की मौत मामले में गिरफ़्तार किए गए लोगों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करना चाहती है। वाजे ने अदालत से कहा कि उसने अब तक जांच में पूरा सहयोग किया है और उसे फिर से पुलिस कस्टडी में न भेजा जाए।
वाजे के वकील ने अदालत से कहा कि जांच एजेंसी को अदालत को बताना चाहिए कि इस मामले में यूएपीए क्यों लगाया गया। उन्होंने कहा कि केवल जिलेटिन मिलने के कारण यूएपीए नहीं लगाया जा सकता।
एटीएस की जांच पर रोक
मुंबई स्थित ठाणे की एक सेशंस कोर्ट ने बुधवार को मनसुख हिरेन की मौत के मामले में महाराष्ट्र एटीएस के जांच करने पर रोक लगा दी थी। अदालत ने कहा था कि एटीएस इस मामले से जुड़े सभी अहम दस्तावेज़ एनआईए को सौंप दे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले की जांच एनआईए को सौंप दी थी। लेकिन एटीएस भी मामले में जांच कर रही थी।
इसे लेकर एनआईए ने अदालत का रूख़ किया था और कहा था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद भी एटीएस ने उसे यह मामला नहीं सौंपा है। इस पर अदालत ने यह आदेश दिया।
दो लोग गिरफ़्तार
एटीएस ने मनसुख हिरेन की मौत मामले में पुलिस कांस्टेबल विनायक शिंदे और एस सट्टेबाज को गिरफ़्तार किया था। कांस्टेबल विनायक शिंदे फ़िलहाल लखन भैया एनकाउंटर केस में सजा काट रहा है। कोरोना की वजह से कुछ दिन पहले ही जेल से पैरोल पर बाहर आया था और सचिन वाजे के संपर्क में आ गया था। दूसरा अभियुक्त जो सट्टेबाज है, वह मुंबई और आसपास के इलाक़ों में चल रहे सट्टेबाजी के ठिकानों की जानकारी वाजे को देता था।
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