महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे को आखिरकार 1 मई को औरंगाबाद में होने वाली रैली के लिए पुलिस ने सशर्त अनुमति दे दी है। औरंगाबाद पुलिस ने ठाकरे को कई शर्तों के साथ औरंगाबाद के सांस्कृतिक क्रीड़ा मैदान मंडल में रैली करने की इजाजत दी है।
इससे पहले पुलिस ने औरंगाबाद में 9 मई तक कर्फ्यू लगाने का एलान कर दिया था और यह कयास लगाए जा रहे थे कि 1 मई को राज ठाकरे की प्रस्तावित रैली को शायद पुलिस इजाजत नहीं देगी।
राज ठाकरे की औरंगाबाद रैली को इजाजत महाराष्ट्र में चल रहे हनुमान चालीसा और लाउडस्पीकर विवाद के बीच मिली है।
पुलिस का कहना था कि महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा और लाउडस्पीकर पर उपजे विवाद के बीच कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए राज ठाकरे को रैली की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
लेकिन महाराष्ट्र के गृह मंत्रालय ने मनसे के नेताओं के साथ बातचीत करके आखिरकार 1 मई को महाराष्ट्र दिवस के मौके पर रैली करने की इजाजत दे दी।
राज ठाकरे ने एलान किया था कि अगर 3 मई तक महाराष्ट्र की मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाए जाते हैं तो फिर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ता मस्जिदों के बाहर लाउडस्पीकर पर तेज आवाज में हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। जिसके बाद कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए महाराष्ट्र पुलिस ने 9 मई तक औरंगाबाद में पाबंदियां लगा दी थी।
शर्तें लगाई
औरंगाबाद पुलिस ने मनसे की रैली के आयोजकों को जानकारी दी है कि 1 मई को जो सभा औरंगाबाद में होनी है वह तय समय यानी दोपहर के 4:30 बजे से लेकर रात को 9:45 तक की जा सकेगी। इसके अलावा रैली करने का स्थान भी नहीं बदला जाएगा।
पुलिस ने आयोजकों को यह भी कहा है कि रैली के दौरान या बाद में किसी भी तरह की आपत्तिजनक नारेबाजी या दंगे नहीं होने चाहिए। पुलिस ने रैली स्थल तक जाने के लिए एक रूट भी तैयार किया है। अगर गाड़ियों का काफिला इस रूट के बाहर निकलता है तो फिर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस का कहना है कि रैली में सिर्फ 15000 लोगों की भीड़ ही इकट्ठा की जा सकेगी। अगर इससे ज्यादा लोगों को रैली में बुलाया जाता है तो फिर आयोजकों पर केस दर्ज किया जाएगा। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे रैली के दौरान तलवार, हथियार या फिर ज्वलनशील सामान लेकर मैदान पर ना पहुंचें। पुलिस ने तय समय सीमा के दौरान ही लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति दी है।
पुलिस ने कहा है कि अगर तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाए जाते हैं तो फिर ध्वनि प्रदूषण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
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