संविधान लागू होने के लगभग छह दशक बीत जाने के बाद भी दलितों को मानव मल खाने को मजबूर किया जाता है। यह वाक़या उसी महाराष्ट्र का है, जहाँ डॉक्टर आंबेडकर का जन्म हुआ था। यह भी विडंबना है कि जिस पुणे में सूचना प्रौद्योगिकी जैसे आधुनिकतम तकनीक की पचासों कंपनियाँ काम कर रही हैं, वहां इस तरह की वारदात हुई और वह भी आंबेडकर के जन्मदिन के कुछ ही दिन पहले।
दलित मजदूर को मल खाने पर किया मजबूर, गिरफ़्तार
- महाराष्ट्र
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- 13 Aug, 2019

पुणे के पास ईंट भट्ठे पर काम कर रह एक दलित मजदूर को थोड़ी देर आराम कर लेने पर मानव मल खाने पर मजबूर किया गया। इसका व्यापक विरोध होने पर अभियुक्त के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर उसे गिरफ़्तार कर लिया गया।