मुकेश अंबानी एंटीलिया विस्फोटक केस और स्कॉर्पियो मालिक मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में राष्ट्रीय जाँच एजेन्सी यानी एनआईए ने चार्जशीट फाइल कर दी है। एनआईए ने चार्जशीट में सचिन वाज़े समेत 10 लोगों को अभियुक्त बनाया है।
एनआईए ने चार्जशीट में दावा किया है कि मनसुख हिरेन की हत्या करवाने के लिए 45 लाख रुपए दिए गए थे। एनआईए ने करीब 10 हजार पन्नों की चार्जशीट फाइल की है, जिसमें पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को भी अभियुक्त बताया है।
एनआईए ने शुक्रवार को विशेष एनआईए अदालत में एंटीलिया विस्फ़ोटक मामले में पहला आरोप पत्र दायर कर दिया।
एनआईए ने इस मामले में गिरफ्तार किए गए क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के पूर्व मुखिया सचिन वाज़े पर ग़ैरक़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 16, 18 और 20 के साथ साथ आईपीसी की धारा 120 बी, 201, 286, 302, 364, 386, 403, 419, 465, 473, और 506 के तहत आरोप लगाए गए हैं।
पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा पर यूएपीए के तहत धारा 16, 18, और 20 के साथ आईपीसी की धारा 120बी, 201, 302, 364 और 403 के तहत आरोप लगाए हैं।
मनसुख हिरेन हत्याकांड
एंटीलिया विस्फोटक मामले की जाँच के साथ-साथ एनआईए मनसुख हिरेन हत्याकांड की भी जाँच कर रही थी। पहले मनसुख हत्याकांड मामले की जाँच महाराष्ट्र एटीएस कर रही थी, लेकिन जब दोनों मामलों का लिंक एक साथ जुड़ा तो फिर दोनों मामलों की जांच एनआईए के हवाले कर दी।
मनसुख हिरेन मर्डर केस में पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की भूमिका सामने आई थी, जबकि सचिन वाज़े दोनों मामलों से जुड़ा हुआ था। दोनों मामलों में यूएपीए के तहत कार्रवाई की गयी।
10 नाम
एनआईए की चार्जशीट में सचिन वाजे, प्रदीप शर्मा, रियाज काजी, सुनील माने, संतोष शेलार और आनंद जाधव सहित दस नामों का उल्लेख है। एनआईए का कहना है कि इस पूरे मामले में सचिन वाजे की भूमिका प्रमुखता से पायी गई जिसके बाद उसकी इन दोनों मामलों में गिरफ्तारी हुई।
एनआईए ने अपनी चार्जशीट में यह भी दावा किया है कि मनसुख हिरेन हत्याकांड में 45 लाख रुपए हत्यारों को दिए गए थे। चार्जशीट में एनआईए ने बताया है कि एंटीलिया के बाहर स्कॉर्पियो में रखी जिलेटिन की छड़ों को रखने में भी सचिन वाजे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जबकि स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या के वक्त भी सचिन वाजे मौका ए वारदात पर मौजूद था।
क्या था मामला?
25 फरवरी को दोपहर करीब 3 बजे मुंबई पुलिस को अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटकों से भरी स्कार्पियो की जानकारी मिली थी। सीसीटीवी जाँच में पता चला था कि कार को एक रात पहले वहाँ खड़ा किया गया था।
इसके बाद पुलिस की जाँच में जब स्कॉर्पियो मालिक का पता लग गया तो 5 मार्च की रात को स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की कलवा की खाड़ी से लाश मिली थी।
पहले इस मामले की जांच मुंबई पुलिस कर रही थी लेकिन इसके बाद जब एनआईए ने इस मामले की जांच करनी शुरू की तो सचिन वाज़े की भूमिका संदिग्ध मानते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया।
मुंबई क्राइम ब्रांच के तत्कालीन एपीआई वाज़े की मामले में संलिप्तता पाए जाने के बाद मुंबई पुलिस के कमिश्नर परमबीर सिंह का तबादला कर दिया गया था।
इसके कुछ दिन बाद ही परमबीर सिंह ने एक चिट्ठी के जरिए महाराष्ट्र के तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई के पव, रेस्टोरेंट और बार से 100 करोड़ रुपए की अवैध उगाही के आरोप लगाए थे जिसकी जाँच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है।
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