मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह और पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को लेकर एनआईए ने बहुत बड़ा खुलासा किया है।
एंटीलिया विस्फ़ोटक केस और मनसुख हिरेन मर्डर केस में एनआईए द्वारा दायर की गयी चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि जिस दिन मनसुख हिरेन की लाश बरामद हुई थी, उस दिन प्रदीप शर्मा ने मुंबई पुलिस के तत्कालीन कमिश्नर परमबीर सिंह से उनके केबिन में मुलाकात की थी।
ऐसे में अब परमबीर सिंह पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर मनसुख की हत्या के एक दिन बाद प्रदीप शर्मा ने परमबीर से क्यों मुलाक़ात की थी।
इस बात का खुलासा मुंबई पुलिस के एसीपी नितिन अलखनूरे ने किया है जो एक समय एंटीलिया मामले की जाँच कर रहे थे।
अलखनूरे का खुलासा
एनआईए द्वारा दायर की गई चार्जशीट में एसीपी नितिन अलखनूरे के हवाले से बताया गया है कि जिस दिन मनसुख हिरेन की लाश ठाणे की खाड़ी से मिली थी, उसी दिन करीब 5 बजे प्रदीप शर्मा मुंबई पुलिस के तत्कालीन कमिश्नर परमबीर सिंह से मिलने उनके दफ्तर गए थे।
जिस दिन मनसुख हिरेन की हत्या हुई थी, उसी दिन मुंबई क्राइम ब्रांच ने सचिन वाजे को जाँच से हटाकर एसीपी नितिन अलखनूरे को जाँच अधिकारी बना दिया था।
जिस दिन प्रदीप शर्मा परमबीर सिंह से मुलाकात कर रहे थे, उसी समय एसीपी अलखनूरे जॉइंट कमिश्नर मिलिंद भारंबे के साथ पुलिस कमिश्नर से मिलने उनके दफ्तर पहुँच गए।
क्या कहा अलखनूरे ने?
एसीपी अलखनूरे ने एनआईए को बताया कि प्रदीप शर्मा का परमबीर सिंह की केबिन में होना काफी चौंकाने वाला था, क्योंकि प्रदीप शर्मा ने मनसुख की हत्या में अहम किरदार निभाया था।
सवाल यह उठता है कि मनसुख की हत्या के बाद प्रदीप शर्मा परमबीर से मिलने क्यों गए थे।
अलखनूरे ने एनआईए को अपने बयान में बताया कि सचिन वाजे ने ही मनसुख की मौत की जानकारी उन्हें दी थी। मनसुख की मौत की जानकारी मिलने के बाद अलखनूरे एकदम चौंक गए थे।
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उन्होंने तत्काल इसकी जानकारी डीसीपी डिटेक्शन प्रकाश जाधव को दी। डीसीपी जाधव ने फौरन ही इसकी जानकारी ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर मिलिंद भारंबे को दी।
जॉइंट सीपी मिलिंद भारंबे, डीसीपी प्रकाश जाधव और एसीपी अलखनूरे के साथ फौरन ही पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के दफ़्तर गए।
वहाँ पहले से ही परमबीर सिंह के साथ प्रदीप शर्मा मौजूद था। जैसे ही प्रदीप शर्मा बाहर निकले, ये तीनों अधिकारी परमबीर से मिले। परमबीर ने मिलते ही इन अधिकारियों से कह दिया कि मनसुख ने आत्महत्या कर ली है।
अब सवाल यह उठता है कि मनसुख की लाश मिलते ही परमबीर सिंह ने यह दावा कैसे कर दिया कि मनसुख ने आत्महत्या कर ली है।
इसके बाद परमबीर सिंह ने अलखनूरे और सचिन वाजे को मौके पर जाकर घटना को जानकारी लेने के लिए भेज दिया।
अलखनूरे ने एनआईए के अधिकारियों को अपने बयान में बताया कि उसी रात सचिन वाजे ने उन्हें फोन कर यह कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को मनसुख मौत और एंटीलिया केस को लेकर ब्रीफिंग देनी है।
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इसके बाद सचिन वाजे और अलखनूरे वर्षा बंगले पर पहुँचे जहाँ पहले से ही तत्कालीन एटीएस चीफ जयजीत सिंह और महाराष्ट्र इंटेलिजेंस कमिश्नर आशुतोष डुमरे मौजूद थे। वहां भी सचिन वाजे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सही जानकारी नहीं दी और कहा कि मनसुख ने आत्महत्या की है। लेकिन पहले से ही मौजूद एटीएस चीफ़ जयजीत सिंह ने कहा था कि इस बात का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद होगा।
वहीं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एंटीलिया विस्फोटक मामले में किसी आतंकी गतिविधि के बारे में पूछा तो भी सचिन वाजे ने जवाब देते हुए कहा कि इसमें कोई टेरर एंगल नहीं है।
एटीएस चीफ जयजीत सिंह ने पहले ही मुख्यमंत्री को बता दिया था कि एंटीलिया विस्फोटक मामले में आतंकी गतिविधि से इनकार नहीं किया जा सकता है। उसके बाद फिर अगले ही दिन इस पूरे मामले की जाँच एटीएस को सौंप दी गई थी।
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