महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री और एनसीपी के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा है कि उनके खिलाफ पुलिस ने 72 घंटे के भीतर दो फर्जी मुकदमे दर्ज कर दिए हैं। आव्हाड ने कहा है कि वह पुलिस की इस क्रूरता के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे और साथ ही विधायक के पद से भी इस्तीफा देंगे।
बताना होगा कि मराठी फिल्म हर-हर महादेव का विरोध करने के चलते ठाणे पुलिस ने जितेंद्र आव्हाड और 11 अन्य लोगों को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया था हालांकि शनिवार को उन्हें ठाणे की एक सेशन कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
जितेंद्र आव्हाड ने कहा है कि वह लोकतंत्र की हत्या होते हुए नहीं देख सकते। दूसरी एफआईआर एक महिला की शिकायत पर दर्ज की गई है। महिला ने आरोप लगाया है कि जब वह एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मिलने के लिए आगे बढ़ रही थी तो जितेंद्र आव्हाड ने उन्हें जबरदस्ती धक्का दिया।
क्या है पूरा मामला?
पूर्व कैबिनेट मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने बीते सोमवार की रात को ठाणे के एक मॉल में चल रही हर-हर महादेव फिल्म की स्क्रीनिंग को रुकवा दिया था। इस दौरान एनसीपी के कार्यकर्ताओं ने दर्शकों के साथ धक्कामुक्की भी की थी।
फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान जितेंद्र आव्हाड वहां पहुंचे थे। इस दौरान वहां बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी भी पहुंच गए थे और इस घटनाक्रम के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे।
ठाणे के अलावा पुणे में भी इस फिल्म की स्क्रीनिंग को एक मराठा संगठन ने रुकवा दिया था।
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क्यों किया फिल्म का विरोध?
जितेंद्र आव्हाड ने कहा था कि इस फिल्म में इतिहास से छेड़छाड़ की गई है। उन्होंने कहा था कि जो छत्रपति शिवाजी महाराज की निजी जिंदगी में नहीं हुआ, जो इतिहास में कभी लिखा ही नहीं गया जो हुआ ही नहीं, ऐसी बातों को फिल्म में दिखाया जा रहा है और इसका विरोध किया जाएगा।
महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा था कि उनकी पार्टी अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करती है लेकिन निर्माताओं को फिल्मों में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि एनसीपी छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास के तथ्यों के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं करेगी।
एमएनएस समर्थन में उतरी
जितेंद्र आव्हाड के जाने के बाद एमएनएस के तमाम नेता ठाणे के इस थिएटर में पहुंच गए थे और फिल्म को दोबारा शुरू करवाया था। मनसे के नेताओं ने कहा था कि अगर एनसीपी को इस फिल्म पर कोई एतराज है तो उसे अदालत में जाना चाहिए।
फिल्म के निर्देशक अभिजीत देशपांडे ने कहा था कि उनकी पूरी टीम एनसीपी कार्यकर्ताओं द्वारा की गई इस गुंडई की निंदा करती है। उन्होंने कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर किसी भी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि इस फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से अनुमति मिली हुई है।
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