टीवी चैनलों की टीआरपी गड़बड़ी के मामले में कार्रवाई का सामना कर रहे रिपब्लिक टीवी के मुख्य संपादक अर्णब गोस्वामी की एक और मुश्किल बढ़ गई है। इसी साल पहले हुए कार्यक्रमों के प्रसारण को लेकर दो एफ़आईआर के मामले में मुंबई पुलिस ने उन्हें शुक्रवार शाम को पुलिस के सामने पेश होने का नोटिस भेजा है। शनिवार को ही भेजे गए इस नोटिस में उनसे यह पूछा गया है कि क्यों न उनसे एक बॉन्ड भराया जाए कि वह अच्छा व्यवहार करेंगे। बॉन्ड भराने का मतलब है कि यदि वह अगली बार बुरा बर्ताव करते हैं तो जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर उन्हें जेल भी भेजा जा सकता है। यहाँ बुरे बर्ताव या व्यवहार से मतलब टीवी पर 'भड़काऊ' या दो समुदायों के बीच वैमनस्य बढ़ाने वाले कार्यक्रम के प्रसारण से है।
ये दोनों एफ़आईआर उनके टीवी कार्यक्रम प्रसारणों को लेकर है। एक तो कोरोना लॉकडाउन के दौरान बांद्रा रेलवे स्टेशन पर भीड़ को लेकर प्रसारण को है और दूसरी पालघर में साधुओं की हत्या के प्रसारण को लेकर। इन दोनों मामलों में अर्णब गोस्वामी पर दो समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने और धार्मिक भावनाएँ भड़काने जैसे आरोप लगे।
इसका मतलब है कि पुलिस ऐसी कार्रवाई कर रही है जिसे बाद में 'आदतन अपराधी' के रूप में पेश किया जा सकता है। ऐसा किसी मामले में तब होता है जब किसी निश्चित क्षेत्र में लगातार कोई अव्यवस्था पैदा करता है या शांति भंग करता है।
इस अच्छे बर्ताव के बॉन्ड को भरवाने का क्या मतलब है इसको एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी साफ़ करते हैं। 'द इंडियन एक्सप्रेस' के अनुसार आपीएस अधिकारी ने कहा, 'यदि एसीपी सुधीर जांबवडेकर, जिनके कार्य अधिकार क्षेत्र में गोस्वामी मुंबई में रहते हैं, एंकर द्वारा दिए गए कारणों से आश्वस्त नहीं हैं तो उन्हें अच्छे व्यवहार के बॉन्ड भरवाने के लिए कहा जा सकेगा। अगर गोस्वामी एक वर्ष की अवधि के दौरान बॉन्ड की शर्तों का उल्लंघन करते हैं तो उन्हें 10 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा और उन्हें सलाखों के पीछे भी भेजा जा सकता है।'
बहरहाल, वर्ली डिवीजन के एसीपी सुधीर जांबवडेकर द्वारा जारी इस नोटिस में कहा गया है,
'यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि आपके चैनल के माध्यम से, आपने ऐसी सामग्री डाल दी है जो धार्मिक, जाति समूहों के बीच दुश्मनी पैदा कर सकती है।'
उन्होंने कहा, 'यह देखा गया है कि आपके चैनल पर होने वाली विभिन्न बहसों में आप आक्रामक राय रखते हैं जिससे बहस देखने वाले दर्शकों के मन में सांप्रदायिक विद्वेष पैदा हो सकता है।' नोटिस में ज़िक्र किया गया कि इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि गोस्वामी इस तरह की सामग्री जारी रखेंगे, जिससे क़ानून और व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
इस मामले में रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क ने एक बयान में कहा है कि महाराष्ट्र की राज्य सरकार द्वारा एक स्वतंत्र प्रेस के ख़िलाफ़ अर्नब गोस्वामी को खुलेआम द्वेषपूर्ण और एक उद्देश्य के तहत विच हंट के लिए समन के साथ-साथ नोटिस जारी किया गया है...। हालाँकि इस मामले में अभी तक अर्णब गोस्वामी की प्रतिक्रिया नहीं आई है।
बता दें कि हाल के दिनों में अर्णब गोस्वामी एक के बाद एक कई मामलों में पुलिस कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। सबसे ताज़ा मामला तो टीआरपी में गड़बड़ी से जुड़ा ही है। इस मामले में आज ही चैनल के कार्यकारी संपादक निरंजन नारायण स्वामी व पत्रकार अभिषेक कपूर टीआरपी घोटाले प्रकरण में मुंबई पुलिस के समक्ष पेश होंगे। इस मामले में रिपब्लिक टीवी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विकास खानचंदानी से मुंबई पुलिस की अपराध शाखा 11 अक्टूबर को ही पूछताछ कर चुकी है। टेलीविजन रेटिंग में कथित धांधली के इस मामले में रिपब्लिक टीवी सहित तीन चैनलों के नाम सामने आए हैं। मुंबई पुलिस ने दावा किया है कि विज्ञापन की ऊँची क़ीमतें वसूलने के लिए ये चैनल रेटिंग से छेड़छाड़ करा रहे थे जो कि धोखाधड़ी की श्रेणी में आती है।
टीआरपी में गड़बड़ी मामले में तीन में से दो चैनलों के मालिकों को पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका है और शनिवार को रिपब्लिक टीवी के सीईओ विकास, सीएफ़ओ शिव सुब्रह्मण्यम सुंदरम सहित छह लोगों को समन भेजा गया था।
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