टीवी की दुनिया में एक सनसनीख़ेज़ खुलासा हुआ है। मुंबई पुलिस का दावा है कि कुछ टीवी चैनल पैसे देकर अपनी टीआरपी बढ़ाया करते थे। इस मामले में रिपब्लिक टीवी पर गंभीर आरोप लगे हैं। दो टीवी चैनलों के मालिकों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है और रिपब्लिक टीवी की जाँच चल रही है।
रिपब्लिक भारत टीवी हैरतअंगेज़ तरीक़े से पिछले छह हफ़्तों से नंबर एक चैनेल बन गया था। तब यह कहा गया कि सुशांत सिंह पर इकतरफ़ा कवरेज से उसे ज़्यादा दर्शकों ने देखा और उसकी लोकप्रियता बढ़ी। अब पुलिस ने रिपब्लिक टीवी समेत तीन टेलीविज़न चैनलों पर टीआरपी की हेराफेरी करने का आरोप लगाते हुए इस मामले की जाँच शुरू कर दी है।
फर्ज़ीवाड़े का आरोप
मुंबई पुलिस के प्रमुख परमवीर सिंह ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 'इन चैनलों के बैंक खातों की जाँच की जाएगी और इसकी पड़ताल की जाएगी कि उनके खातों में जमा पैसे विज्ञापनों से मिले हैं या आपराधिक गतिविधियों से हुई कमाई है।'उन्होंने कहा, 'यदि अपराध का खुलासा हुआ तो इन खातों को पुलिस अपने कब्जे में ले लेगी और कार्रवाई करेगी।'
परमवीर सिंह ने कहा, 'रेटिंग को मनमर्जी तरीके से दिखाने के लिए घरेलू आँकड़ों का इस्तेमाल किया गया, इन चैनलों को ग़ैरक़ानूनी विज्ञापन फंड से पैसे मिले हैं। इसे फ़र्जीवाड़े से मिला पैसा माना जाएगा।'
परमवीर सिंह ने यह भी कहा कि न्यूज़ ट्रेंड में जोड़तोड़ और हेराफेरी कैसे की जाती है, झूठी कहानी कैसे गढ़ी जाती है, और ग़लत बात कैसे फैलाई जाती है, पुलिस तफ़्तीश में इसकी भी जाँच की जाएगी। इस पूरे मामले का विश्लेषण किया जाएगा।
मुंबई पुलिस के प्रमुख ने यह भी कहा कि रिपब्लिक टीवी के अधिकारियों को इस मामले में आज या कल तलब किया जाएगा।
बता दें कि बीएआरसी नामक एजेंसी टीआरपी मापने का काम करती है। उसने यह काम हंसा नाम की एजेंसी को दिया है। पुलिस प्रमुख ने दावा किया फ़र्जी टीआरपी का एक नया रैकेट पकड़ा गया है।
एनडीटीवी ने कहा है कि मुंबई में तकरीबन 2,000 टीआरपी बैरोमीटर लगाए गए हैं। हंसा के कुछ पूर्व कर्मचारियों ने किसी चैनल से पैसा लेकर दर्शकों को उस विशेष चैनल को देखने का सौदा किया था। जो व्यक्ति पकड़े गए हैं उनके पास से 20 लाख रुपये जब्त किए गए हैं, बाकी की तलाश की चल रही है। पुलिस ने कहा है कि बीएआरसी ने जो अपनी रिपोर्ट सौंपी है, उसमें रिपब्लिक टीवी का नाम आया है।
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