मराठा आरक्षण का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। इस समय पूरे महाराष्ट्र में विरोध प्रदर्शन फैल रहा है। इसकी आंच राजनीतिक लोग भी महसूस कर रहे हैं। मराठा समुदाय के कार्यकर्ता अब राजनीतिक नेताओं को चेतावनी दे रहे हैं कि यह समुदाय वर्षों से उनके पीछे खड़ा रहा है और अब समुदाय के आंदोलन का समर्थन करने की उनकी बारी है।
नेताओं पर बन रहे दबाव के बीच एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना से जुड़े हिंगोली से सांसद हेमंत पाटिल ने इस्तीफा देने का फैसला किया है। पाटिल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर कहा है कि उन्होंने लोकसभा) के सदस्य के रूप में इस्तीफा दे दिया है।
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मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को आगे बढ़ाने के लिए कुछ कार्यकर्ता पाटिल से मिलने पहुंचे और सांसद के इस्तीफे की मांग की। इसके बाद, हेमंत पाटिल ने तुरंत कार्यकर्ताओं के सामने लोकसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा लिखा।
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सांसद हेमंत पाटिल के इस्तीफे की कॉपी
महाराष्ट्र से आ रही खबरों में कहा गया कि यवतमाल में वसंत सहकारी चीनी फैक्ट्री में, विशेष प्रतिनिधि पाटिल को मराठा कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा। कार्यकर्ताओं को वहां सांसद के आने की सूचना मिली थी। वो सभी वहां बड़ी तादाद में जमा हो गए। माहौल को देखते हुए उसी वक्त सांसद ने बड़ा ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर मराठा समाज की मांग सिर्फ आरक्षण मुद्दे को लेकर दिल्ली में विशेष प्रतिनिधियों की बैठक बुलाने की है तो वह एक मिनट में अपना इस्तीफा सौंप देंगे। उन्होंने फौरन लोकसभा अध्यक्ष को संबोधित अपना त्यागपत्र लिख दिया।
अपने इस्तीफे में हेमंत पाटिल ने लिखा है- "महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के आरक्षण का मुद्दा कई वर्षों से लंबित है। इस मामले पर समुदाय की मजबूत भावनाओं के साथ, मैं कई वर्षों से मराठा समुदाय के लिए एक समर्पित कार्यकर्ता रहा हूं, खासकर किसानों के लिए। मैंने आरक्षण आंदोलन को पूरा समर्थन दिया है। इसलिए मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं।''
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कौन हैं हेमंत पाटिल
हेमंत पाटिल एक अनुभवी शिव सेना कार्यकर्ता हैं, और उनका कार्यक्षेत्र नांदेड़ में है। जहां उन्होंने नगरपालिका पार्षद, स्थायी समिति के अध्यक्ष और शिव सेना जिला प्रमुख के रूप में काम किया है। शुरुआत में, हेमंत पाटिल राज ठाकरे के साथ जुड़े हुए थे, लेकिन बाद में उन्होंने उद्धव ठाकरे के साथ तालमेल बिठाया, जिसके कारण उन्होंने शिवसेना के साथ गठबंधन किया।
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में विभाजन के बाद पाटिल शिंदे गुट में शामिल हो गए थे। पिछले दिनों वो डॉक्टरों के साथ कथित मारपीट में भी चर्चा में आए थे। डॉक्टरों ने लंबे समय तक उनके खिलाफ आंदोलन छेड़ा था।
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