ओमिक्रॉन वैरिएंट अब भारत में भी तेज़ी से फैलता हुआ दिख रहा है। महाराष्ट्र में मंगलवार को ओमिक्रॉन के आठ और केस दर्ज किए गए। इनमें से सात मामले मुंबई से और एक बाहरी इलाक़े वसई विरार से हैं। उनमें से किसी का भी अंतरराष्ट्रीय यात्रा का कोई इतिहास नहीं है। हालाँकि, एक ने बैंगलोर और दूसरे ने दिल्ली की यात्रा की थी।
इसके साथ ही महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन वैरिएंट के कुल मामले अब 28 हो गए हैं और भारत में इसकी संख्या 57 हो गई है। महाराष्ट्र में मिले 28 मामलों में से 12 मुंबई से, 10 पिंपरी चिंचवड़ से, दो पुणे नगर निगम से, और एक-एक कल्याण डोंबिवली, नागपुर, लातूर और वसई विरार से हैं।
आज ही कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के 4 नए मामले दिल्ली में मिले हैं। इस तरह अब तक राष्ट्रीय राजधानी में इस संक्रमण के 6 मामले मिल चुके हैं। इन सभी 6 लोगों में हल्के लक्षण देखने को मिले हैं और इनमें से एक शख़्स ठीक भी हो चुका है और उसे अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।
महाराष्ट्र तो पिछले साल कोरोना के प्रकोप के बाद से सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्यों में से एक था। इस महीने की शुरुआत में महाराष्ट्र ने तीन सबसे ज़्यादा जोखिम वाले देशों- दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना और ज़िम्बाब्वे के सभी यात्रियों के लिए संस्थागत क्वारेंटीन अनिवार्य कर दिया था।
घरेलू यात्रियों को उड़ान में सवार होने के 72 घंटों के भीतर दोहरे टीकाकरण या आरटी-पीसीआर परीक्षण की नकारात्मक रिपोर्ट का प्रमाण देना होगा।
वैसे, ओमिक्रॉन वैरिएंट कई देशों में तेज़ी से फैलने के कारण चिंता का कारण बन चुका है। ब्रिटेन में तो ओमिक्रॉन वैरिएंट से पहली मौत का मामला सामने आया है।
माना जाता है कि ब्रिटेन की सरकार आधिकारिक तौर पर इस नये वैरिएंट से मौत की घोषणा करने वाली पहली सरकार है। ब्रिटेन में ओमिक्रॉन के मामले काफ़ी तेज़ी से फैल रहे हैं। वहाँ हर दो से तीन दिनों में ओमिक्रॉन के मामले दोगुने हो जा रहे हैं।
बॉरिस जॉनसन ने इसी रविवार को ही बड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि, 'किसी को भी संदेह नहीं होना चाहिए- ओमिक्रॉन की एक तूफानी लहर आ रही है।' उन्होंने एक टेलीविज़न पर संबोधन में कहा कि देश के चिकित्सा सलाहकारों ने इस नये वैरिएंट से संक्रमण में तेजी से वृद्धि के कारण कोरोना सतर्कता के स्तर को बढ़ाया है। उन्होंने इस नये वैरिएंट के फैलने को एक आपातस्थिति बताया है क्योंकि हर दो से तीन दिनों में ओमिक्रॉन के मामले दोगुने हो जा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि दिसंबर के अंत तक एक महीने में वयस्कों को बूस्टर खुराक देने का लक्ष्य है। पहले यह लक्ष्य अगले साल जनवरी के लिए रखा गया था।
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