शिवसेना के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने इमाम अली के कोट का सहारा लेते हुए अंसतुष्ट विधायकों को चलती-फिरती लाशें बताया है। राउत ने शिया मुसलमानों के पहले इमाम और सुन्नी मुसलमानों के चौथे खलीफा हजरत अली के कोट को शेयर किया है, जिसमें लिखा है - अनपढ़ता (जेहालत) एक तरह की मौत जैसी है और जाहिल लोग (अनपढ़ लोग) चलती-फिरती लाशों की तरह हैं।
राउत ने इमाम अली का यह कोट नहजुल ब्लागा नामक पुस्तक से लिया है। लेकिन दरअसल, उन्होंने इस सुप्रसिद्ध कोट के जरिए गुवाहाटी में डेरा जमाए बागी विधायकों पर निशाना साधा है।
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) June 28, 2022
राउत ने यह भी कहा है कि बागी विधायकों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट का जो निर्देश सोमवार को आया है, उसके मुताबिक अब इन बागी विधायकों के पास कम से कम महाराष्ट्र में कोई काम नहीं है। वे होटल में आराम करें।
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इससे पहले राउत ने कहा था कि गुवाहाटी में 40 बागी विधायक जिंदा लाश की तरह हैं और उनकी आत्माएं मर चुकी हैं। शिवसेना नेता ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, "उनके वापस आने पर उनके शवों को पोस्टमार्टम के लिए सीधे विधानसभा भेजा जाएगा। वे जानते हैं कि यहां लगी आग में क्या हो सकता है। इस बयान पर काफी विवाद हुआ था।
राउत कई तरह के विवादों में घिरते जा रहे हैं। उन्हें ईडी ने भी तलब कर रखा है। अधिकारियों के मुताबिक, राउत का यह ताजा मामला ईडी द्वारा मुंबई की एक 'चॉल' के पुनर्विकास और उनकी पत्नी और दोस्तों से जुड़ा वित्तीय लेनदेन का मामला है।
राउत ने सोमवार को ट्वीट किया था कि मुझे अभी पता चला है कि ईडी ने तलब किया है। अच्छा! महाराष्ट्र में बड़े राजनीतिक घटनाक्रम हैं। हम, बालासाहेब के शिवसैनिक एक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। यह मुझे रोकने की साजिश है। भले ही आप मेरा सिर काट दें, लेकिन मैं गुवाहाटी का रास्ता नहीं अपनाऊंगा।
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शिवसेना इस समय बड़े संकट का सामना कर रही है। एकनाथ शिंदे का दावा है कि शिवसेना के 40 विधायकों ने बगावत कर दी है। उसकी वजह से महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार पर खतरा मंडरा रहा है। शिंदे इन बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं, जिनमें नौ मंत्री भी शामिल हैं। इन मंत्रियों के विभाग सोमवार को वापस ले लिए गए।
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