यह किसी फ़िल्मी ड्रामे से कम नहीं था। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में लोग अपने घरों में सोए हुए थे, लेकिन राजभवन में लोगों की नींद टूट चुकी थी। राजभवन का स्टाफ़ जग चुका था और अपने काम पर मुस्तैदी से लग चुका था। महामहिम राज्यपाल ने सूरज उगने से पहले से राज्य में बहुत बड़े राजनीतिक उलटफेर को अंजाम दे दिया था।