महाराष्ट्र में तेजी से बदल रहे सियासी माहौल के बीच बुधवार को उद्धव ठाकरे कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें शिवसेना के 8 मंत्री शामिल नहीं हुए। माना जा रहा है कि यह सभी मंत्री गुवाहाटी में हैं।
दूसरी ओर, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के साथ ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। ऐसे में राज्य में चल रहा सियासी संकट कैसे खत्म होगा यह एक बड़ा सवाल बन गया है।
कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। जो मंत्री कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हुए, उनके नाम एकनाथ शिंदे, गुलाबराव पाटिल, दादा भुसे, संदीपन भुमरे, अब्दुल सत्तार, शंभूराज देसाई, बच्चू कडू और राजेंद्र येद्रावकर शामिल हैं।
शिवसेना ने अपने सभी विधायकों को व्हिप जारी कर कहा है कि सभी विधायक बुधवार शाम को 5 बजे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास वर्षा पर पहुंचें। शिवसेना नेता सुनील प्रभु की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि शिवसेना के जो विधायक बैठक में नहीं आएंगे उनके बारे में यह समझा जायेगा कि वे पार्टी छोड़ना चाहते हैं और इस वजह से कानून के मुताबिक उनके खिलाफ उन्हें अयोग्य घोषित करने की कार्रवाई की जाएगी।
एकनाथ शिंदे ने कहा है कि उनके पास शिवसेना के 40 और निर्दलीय विधायक मिलाकर कुल 46 विधायकों का समर्थन है। लेकिन कांग्रेस नेता कमलनाथ ने एकनाथ शिंदे के दावे को खारिज कर दिया है।
शिवसेना के पास 55 विधायक हैं। अगर एकनाथ शिंदे शिवसेना के 37 विधायक तोड़ लेते हैं तो उन पर दल बदल कानून लागू नहीं होगा। ऐसी सूरत में यह विधायक अपनी अलग पार्टी बना सकते हैं। तब महा विकास आघाडी सरकार का गिरना पूरी तरह तय हो जाएगा।
भंग होगी विधानसभा?
महाराष्ट्र में हर पल सियासी समीकरण बदलते जा रहे हैं। एक ओर जहां शिवसेना के बागी विधायक सूरत से गुवाहाटी चले गए हैं। वहीं, दूसरी ओर शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने महाराष्ट्र में चल रही अनिश्चितता को और बढ़ा दिया है। राउत ने ट्वीट कर कहा है कि महाराष्ट्र में जिस तरह का राजनीतिक संकट चल रहा है वह विधानसभा भंग होने की ओर ले जा रहा है।
इससे साफ हो गया है कि शिवसेना ने बागी विधायक एकनाथ शिंदे के सामने हथियार डाल दिए हैं और अब महाराष्ट्र की विधानसभा भंग हो सकती है। राजनीतिक पंडित राउत के इस ट्वीट का सिर्फ एक ही मतलब निकाल रहे हैं कि महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी सरकार अब खत्म होने की दिशा में है।
दूसरी ओर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे और राज्य के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने अपने टि्वटर हैंडल के बायो से मंत्री होने का जिक्र हटा दिया है।
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