महाराष्ट्र में आज रविवार का राजनीतिक घटनाक्रम कई सवाल छोड़ गया है, जिनका जवाब मिलने पर एनसीपी में आज हुई टूट का जवाब मिल जाएगा। अजित पवार जब उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे तो एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए प्रफुल्ल पटेल उस कार्यक्रम में राजभवन में मौजूद थे।
अजित पवार के घर पर आज सुबह जब एनसीपी के कुछ विधायक बैठक के लिए पहुंचे तो वहां एनसीपी के दोनों कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल मौजूद थे। अभी तक जो खबरें हम लोग जानते हैं, उसके मुताबिक सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने से नेता विपक्ष अजित पवार नाराज थे। हाल ही में उन्होंने नेता विपक्ष का पद छोड़ने की भी इच्छा जताई थी।
अजित पवार के घर हुई बैठक में एनसीपी के दोनों कार्यकारी अध्यक्षों सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल क्यों मौजूद थे, जह पवार और बाकी विधायक बगावत कर रहे थे तो ये दोनों क्या कर रहे थे। इसके बाद प्रफुल्ल पटेल राजभवन में भी मौजूद थे।
महाराष्ट्र में शिंदे-फडणवीस सरकार के एक साल पूरे होने के तीन दिन बाद ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) विभाजन की ओर बढ़ी। अजित पवार ने शिंदे-फडणवीस सरकार से हाथ मिला लिया है। अजित पवार अब डिप्टी सीएम हैं और बाकी 8 विधायक भी मंत्री बने हैं। देवेंद्र फडणवीस पहले से डिप्टी सीएम हैं। ऐसे में अजित पवार अपनी कितनी चला पाएंगे।
महाराष्ट्र का ताजा राजनीतिक परिदृश्य इस प्रकार है: महा विकास अघाड़ी के दो प्रमुख सहयोगी - शिवसेना और एनसीपी दोनों ही आजकल अंदरूनी कलह से ग्रस्त हैं। एक साल तक सेना बनाम सेना यानी उद्धव सेना और (एकनाथ) शिंदे सेना के बीच की लड़ाई के बाद अब एनसीपी बनाम एनसीपी यानी अजित पवार की एनसीपी बनाम शरद पवार की एनसीपी के बीच जंग शुरू हो गई है। देखना है कि अब शरद पवार आखिरी मिनट में कौन सा मास्टरस्ट्रोक चलते हैं। जिससे अजित पवार का एनसीपी को तोड़ने का अभियान दम तोड़ दे।
एनसीपी ने आज अचानक हुए घटनाक्रम के बारे में किसी भी जानकारी से इनकार किया है, जो कुछ ही घंटों के भीतर महाराष्ट्र को दूसरा उपमुख्यमंत्री मिलने के साथ समाप्त हुआ। अजीत पवार और उनके विधायकों ने इस बार कोई समय बर्बाद नहीं किया और राजभवन में आकर शपथ ले ली। शपथ ग्रहण से पहले अजित पवार ने एक बैठक की जिसमें सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल दोनों शामिल हुए।
प्रफुल्ल पटेल को लेकर अटकलें तेज क्योंः अजित पवार को दरकिनार कर सुप्रिया सुले के साथ एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए गए प्रफुल्ल पटेल आज शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे। इससे अटकलें तेज हो गईं हैं कि क्या अजित पवार के कदम को एनसीपी नेतृत्व का समर्थन प्राप्त है, हालांकि एनसीपी नेताओं, उद्धव सेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि शरद पवार अजित पवार के साथ नहीं हैं।
हाल के कुछ इंटरव्यू में, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 2019 में जो हुआ उसके बारे में बात की। लेकिन उन्होंने यह संकेत कभी नहीं दिया कि अगले तीन दिनों में भी कुछ होने वाला है। जाहिर है आज के घटनाक्रम की खिचड़ी कई दिनों से पक रही थी। महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास में आज का रविवार एनसीपी की टूट के रूप में यादगार बन गया है।
रविवार के शपथ ग्रहण समारोह में प्रफुल्ल पटेल की मौजूदगी से यह संदेह बरकरार है कि क्या शरद पवार को पिछले तीन दिनों से चल रहे घटनाक्रम की जानकारी थी।
देखना ये है कि अब शरद पवार अपने भतीजे अजित पवार की हरकत का समर्थन करते हैं या नहीं। अगर शरद पवार ने समर्थन नहीं किया तो एनसीपी बनाम एनसीपी की बिसात जरूर बिछेगी।
फिलहाल, एनसीपी ने आधिकारिक तौर पर अजित पवार के बीजेपी-शिंदे सेना सरकार के साथ हाथ मिलाने का समर्थन नहीं किया है।
अजित पवार ने दावा किया कि उनके पास लगभग 40 विधायकों का समर्थन है, जिससे एनसीपी बनाम एनसीपी की लड़ाई खड़ी हो जाएगी क्योंकि एनसीपी अजित पवार के गुट और शरद पवार के गुट के बीच विभाजन की ओर बढ़ रही है। शरद पवार की एनसीपी भाजपा-शिंदे सरकार का समर्थन नहीं करती। आज के घटनाक्रम से 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन के प्रमुख नेता के रूप में शरद पवार की भूमिका को नुकसान होगा।
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