महाराष्ट्र में विधान परिषद (एमएलसी) के चुनावों में महा विकास आघाडी को झटका लगा है। 6 सीटों के लिए हुए चुनाव में बीजेपी को 4 सीटों पर जबकि महा विकास आघाडी को 2 सीटों पर जीत मिली है।
बीजेपी को नागपुर सीट पर भी जीत मिली है जबकि अकोला-बुलढाणा-वाशिम सीट उसने शिवसेना से छीन ली है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि बीजेपी ने इस दावे की हवा निकाल दी है कि महा विकास आघाडी में शामिल दल मिलकर चुनाव लड़ें तो वे हर चुनाव जीत सकते हैं। इन सीटों पर 10 दिसंबर को मतदान हुआ था। आघाडी सरकार में शिव सेना, कांग्रेस व एनसीपी शामिल हैं।
बावनकुले जीते
नागपुर सीट पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता चंद्रशेखर बावनकुले को जीत मिली है। उन्हें 362 वोट मिले जबकि आघाडी के उम्मीदवार मंगेश देशमुख को 186 वोट मिले। बावनकुले ने कहा है कि आघाडी के पास 240 वोट थे लेकिन उसके उम्मीदवार को 186 वोट ही मिले।
इसके अलावा बीएमसी के लिए भी दो सीटों पर चुनाव हुए थे। इनमें शिव सेना और बीजेपी को एक-एक सीट पर निर्विरोध जीत मिली है।
बीजेपी नेताओं के दावे
बीजेपी महाराष्ट्र में अपनी सरकार बनाने के लिए तड़प रही है। इसलिए बीच-बीच में उसके नेता बयान देते रहते हैं कि जल्द ही पार्टी राज्य में सरकार बनाएगी। कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा था कि मार्च तक महाराष्ट्र में बीजेपी अपनी सरकार बना लेगी लेकिन एनसीपी नेता और मंत्री मंत्री नवाब मलिक ने कहा था कि यह ख्याली पुलाव पकाने जैसा है।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री राव साहब दानवे और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी इस तरह के दावे करते रहे हैं। लेकिन शिव सेना और कांग्रेस के बेहतर होते रिश्तों और शरद पवार के गठबंधन के साथ मज़बूती से खड़े रहने की वजह से ऐसा नहीं लगता कि ठाकरे सरकार पर कोई संकट है।
महाराष्ट्र में किसी भी क़ीमत पर अपने नेता को मुख्यमंत्री बनाने की सियासी ख़्वाहिश रखने वाली बीजेपी ने पिछले साल विधानसभा चुनाव के बाद एनसीपी नेता अजित पवार को तोड़कर उन्हें उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी थी। लेकिन शरद पवार ने उसकी इस बग़ावत को फ़ेल कर दिया था।
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